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हर तरह की बुराईयों से खुद को रोकता है रोजा

फतेहपुर,
संविधान रक्षक समाचार
। काजी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि जो रमजानुल मुबारक का एक रोजा जानबूझकर छोड़ता है वह सख्त गुनेहगार है। रमजान के महीने में सड़क पर पान मसाला खाना शरीअत के खिलाफ है। ऐसे लोगों का समाजी बाईकाट होना चाहिए। उन्होने कहा कि रोजेदार हर तरह की बुराईयों से खुद को रोकता है। उन्होने मुस्लिम समाज के लोगों से आहवान किया कि रमजान के महीने में पूरे तीस दिन रोजा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करें। काजी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि जाती तौर पर रोजा फर्ज और तरावीह सुन्नत है। इसका हर शख्स को पूरे रमजान एहतेराम करना चाहिए। अगर कोई शख्स रोजा नहीं रखता है तो अपनी जात से गुनेहगार है लेकिन जो शख्स रमजान के दिनों में सड़क पर चलते फिरते पान-मसाला खाते घूमते हैं वह अल्लाह व उसके पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के हुक्म से बगावत और शरीअत की

काजी शहर कारी फरीद उद्दीन।

तौहीन करते हैं। लिहाजा ऐसे लोगों का समाजी बाईकाट होना चाहिए। श्री कादरी ने कहा कि रोजेदार हर तरह की बुराईयों से खुद को रोकता है, क्योंकि झूठ, बुराई, गलत काम उसका कीमती रोजा बर्बाद करने वाला है। मौसम का रोजेदार पर कोई असर नहीं पड़ता इसलिए कि उसका यह अमल अल्लाह तआला को राजी करने के लिए होता है। यही ख्याल हमारे अंदर पूरे साल पैदा होना चाहिए। जिससे पूरी जिन्दगी गुनाह से बच सकें। उन्होने बताया कि रमजान की अजमत यह है कि पैगम्बरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि अगर बंदों को मालूम हो जाये कि रमजान की फजीलत व अजमत क्या है तो मेरी उम्मत तमन्ना करे कि पूरा साल रमजान हो जाये। रमजान में रोजे की पाबंदी के साथ-साथ तरावीह का एहतमाम बिरादराने वतन व पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करें।

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