मोदी सरकार को दलितों के मसीहा मान्यवर कांशीरामजी को भी भारत रत्न देना चाहिए :

तीनों महान विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित करना एक अभिनंदनीय फैसला : बलवान सिंह रैकवार

बाराबंकी केंद्र सरकार ने 9 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव तथा वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। सरकार के इस ऐलान के बाद सभी ने खुशी जाहिर की है।

चौधरी साहब, नरसिम्हा राव और डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर डॉ उमेश शर्मा ने कहा कि किसानों के मसीहा एवं दलितों वँचितों के हितैषी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव जी और हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एमएस स्वामीनाथन जी का भारत रत्न से सम्मानित किया जाना, बहुत समय से लंबित माँग की पूर्ति है। सच्चा सम्मान किसी भी व्यक्ति के सिद्धांतों और संघर्षों को मान देने से होता है। इनको भारत रत्न से सम्मानित करना एक अभिनंदनीय फैसला है। मोदी सरकार में देश की राजनीति का ट्रेंड बदल रहा है। मोदीजी ने पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया हैं, जबकि वे कांग्रेस पार्टी से थे। उस समय कांग्रेस पार्टी की विफलताओं के लिए नरसिम्हा राव को बलि का बकरा बनाने में गांधी परिवार की बहुत बड़ी भूमिका थी। 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार जब सत्ता में थी, तब उन्हें भारत रत्न तो दूर, कोई पुरस्कार भी नहीं दिया गया। लेकिन आज़ पीएम मोदी जी ने पीवी नरसिम्हा राव को उनके कार्य काल में किये गए सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया है, हालांकि वह कांग्रेस पार्टी से हैं। अब, मैं 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार खासकर गांधी परिवार को दोषी ठहराता हूं, जब यूपीए केंद्र में सरकार सत्ता में थी, भारत रत्न तो दूर, कोई पुरस्कार भी नहीं मिला। यह हमारे लिए गर्व की बात है, यह हमारे लिए सम्मान की बात है। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे मुश्किल दौर से बाहर निकालने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न सम्मान देने को एक महान राजनेता को सच्ची श्रद्धांजली हैं। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया। पिछली सरकारें आज तक जो नहीं कर सकीं, उसे पीएम मोदी के विजन ने पूरा कर दिया है. मैं उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बार फिर पीएम मोदी सरकार का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पीएम मोदी ने एक निर्णय दिया है जो साबित करता है कि वे राष्ट्र के मूल भावनाओं को समझते हैं। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। कांग्रेस की सरकार ने कभी इन लोगों को सम्मान नहीं दिया। यह अच्छी बात है कि देश में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार लाने वाले पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा। हम पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं। मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। पीवी नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। पीवी नरसिम्हा राव गारू तेलंगाना की धरती के सपूत हैं। हमने ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों पर पीवी नरसिम्हा राव गारू की प्रतिमा स्थापित की है। धरती के पुत्र नरसिम्हा राव को भारत रत्न देना तेलंगाना के लोगों का सम्मान है। केसीआर ने बीआरएस की मांग का सम्मान करते हुए पी वी नरसिंह राव को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए केंद्र को धन्यवाद दिया। मैं महसूस करता हूं कि महान राजनेता और बहुभाषाविद् नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिलना कांग्रेस के लिए भी गर्व की बात है। केंद्र का धन्यवाद जिसने लंबे समय बाद हमारे प्रयास को मान्यता दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की मूल भावना को समझते हैं। खासतौर पर पीएम मोदी का धन्यवाद। मोदी सरकार द्वारा जिन भी हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, उसका स्वागत है, लेकिन इस मामले में ख़ासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं, भारत सरकार इस ओर भी ज़रूर ध्यान दे तथा दलित और उपेक्षितों के मसीहा कांशीराम का इनके हितों में किया गया कड़ा संघर्ष भी कोई कम नहीं। इसलिए उन्हें भी भारत रत्न दिया जाए।बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक रहे दिवंगत मान्यवर कांशीराम जी को भी भारत रत्न घोषित किया जाना चाहिए। देशभर के समस्त दलितों और वँचितों की अस्मिता को जागृत करने वाले अद्वितीय नेता इस सम्मान के पात्र हैं। खुद यह मेरे जैसे कई लोगों के लिए उत्साह का क्षण होगा जिन्हें कांशीराम जी के विचार विरासत में मिले हैं। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी को करीब 50 वर्षो के लम्बे इंतजार के बाद श्री वीपी सिंह जी की सरकार द्वारा भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया था। दलित वंचित और शोषितों की हितैषी मोदी सरकार को उपेक्षितों के मसीहा मान्यवर श्री कांशीराम जी को भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। सन 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह दसवां भारत रत्न है। इससे पहले 3 फरवरी को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। इस तरह इस साल 5 हस्तियों को यह सम्मान देने का ऐलान हो चुका है। इनके अलावा मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। आज की तीन हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को हासिल करने वालों में अब तक कुल 53 लोग शामिल हो चुके हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here