फतेहपुर। जिले में खून के रिश्ते एक बार फिर दागदार हो गये। चचेरे भाई को फंसाने के लिए एक पुत्र ने अपने ही पिता की हत्या करवा डाली। पुलिस ने सनसनीखेज सेवानिवृत्त वार्ड ब्वाय हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए अभियुक्त पुत्र समेत तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया है। पकड़े गये अभियुक्तों ने अपना जुर्म का इकबाल कर लिया। तीनों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई कर न्यायालय भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र ने बताया कि 15 अक्टूबर की शाम शहर क्षेत्र में आबूनगर चौकी के मुहल्ला ककरहा निवासी सेवानिवृत्त वार्ड ब्वाय हरिओम गुप्ता पुत्र स्व. राम किशुन गुप्ता 63 वर्ष की साइकिल से दूध लेने जाते समय रास्ते में जिला उद्योग कंेद्र के निकट अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद मृतक की पत्नी निर्मला देवी ने अपने भतीजे ज्ञानेंद्र कुमार गुप्ता पुत्र स्व. उमाशंकर गुप्ता निवासी आबूनगर के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस, एसओजी व सर्विलांस इंटेलीजेंस विंग के सहयोग से घटना के संबंध में गहन छानबीन की गई। सीसीटीवी फुटेज से उपलब्ध साक्ष्य से मृतक के पुत्र दीपू उर्फ दिलीप गुप्ता द्वारा योजनाबद्ध तरीके से मुकदमें में रंजिशन चचेरे भाई ज्ञानेंद्र गुप्ता को फंसाने के उद्देश्य से अपने साथी कल्लू पाल उर्फ कपिल से पिता हरिओम गुप्ता पर गोली चलवाकर हत्या कारित कराये जाने का तथ्य प्रकाश में आया। जिस पर पुलिस ने अभियुक्त कल्लू पाल उर्फ कपिल की गिरफ्तारी करते हुए उनकी निशादेही पर घटना में प्रयुक्त तमंचा कारतूस की बरामदगी साथी अभियुक्त अनुज कुमार के घर से करते हुए अनुज कुमार एवं दीपू उर्फ दिलीप गुप्ता को हिरासत में लेकर विधिक कार्रवाई करते हुए न्यायालय भेज दिया। एएसपी ने बताया कि अभियुक्त दीपू शातिर अपराधी है। जिसके विरूद्ध हत्या सहित गंभीर अपराध के करीब आधा दर्जन मुकदमें पंजीकृत हैं। मुकदमें में रंजिशन अपने चचेरे भाई ज्ञानेंद्र गुप्ता को फंसाने के उद्देश्य से पिता हरिओम गुप्ता की हत्या की योजना अपने साथियों के साथ मिलकर बनाई थी। एएसपी ने बताया कि अभियुक्त दीपू ने अपने ताऊ उमाशंकर गुप्ता की हत्या के मुकदमें में माह नवंबर 2022 से जमानत पर रिहा था। गिरफ्तारी करने वाली टीम में सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह, इंटेलीजेंस विंग प्रभारी विंध्यवासिनी तिवारी, उपनिरीक्षक संतोष सिंह, अनीश शुक्ला, धनंजय सिंह, हेड कांस्टेबल दीप तिवारी, शिवाकांत सिंह, अभिषेक शुक्ला, कांस्टेबल वीरेंद्र पाल, अंकित त्रिपाठी, दिनेश कुमार, हर्ष तोमर, सोनू यादव शामिल रहे।