अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के तत्वावधान में मनाया गया विश्व फार्मासिस्ट दिवस,चेयरमैन आलोक तिवारी रहे मुख्य अतिथि,जिलाध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने किया स्वागत

बाराबंकी सीएचसी हैदरगढ़ में समस्त भर्ती मरीजों को फल वितरण करके विश्व फार्मासिस्ट दिवस कार्यक्रम की हुई शुरुआत- अधीक्षक ओपी कुरील सहित जितेंद्र सोनी और अम्बरीश मिश्रा रहे मौजूद

इलाज के दौरान दवाइयां से होने वाली डिसएडवांटेज से बचना है -चीफ फार्मासिस्ट अंबरीश मिश्रा

फोटो परिचय-: अधीक्षक ओम प्रकाश कुरील -चेयरमैन आलोक तिवारी को माला पहनाकर स्वागत करते हुए…
फोटो परिचय-: अधीक्षक ओम प्रकाश कुरील -चेयरमैन आलोक तिवारी को माला पहनाकर स्वागत करते हुए…

हैदरगढ़।। विश्व फार्मासिस्ट दिवस के उपलक्ष में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें नवनियुक्त जिला अध्यक्ष हनुमान प्रसाद का स्वागत हुआ तत्पश्चात समस्त नवनियुक्त पदाधिकारियों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर ओमप्रकाश कुरील ने मुख्य अतिथि आलोक तिवारी को फूल माला पहनकर स्वागत किया। इस अवसर पर चीफ फार्मासिस्ट अंबरीश मिश्रा ने इलाज के दौरान दी जाने वाली दवाइयओं से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी और बताया की जो दवाई मरीज को फायदा करती है वह कभी-कभी नुकसान भी करती है हमें इलाज के दौरान बेहतर ध्यान रखना होगा कि मरीज का ट्रीटमेंट करने के बाद 20 से 25 मिनट तक उसे दी गई दवाई का इफेक्ट देखना बहुत जरूरी है । हर साल 25 सितंबर को दुनिया भर में विश्व फार्मासिस्ट डे मनाया जाता है। ये पहल विश्व फार्मासिस्ट दिवस इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) ने की थी, जिसे साल 2000 में इस्तांबुल में एक सम्मेलन में मान्यता दी गई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य फार्मेसियों पर ध्यान केंद्रित करना है।

फोटो परिचय-: चीफ फार्मासिस्ट अम्बरीश मिश्रा का स्वागत करते हुए अभिवादन कर रहे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र सोनी।

इसके अलावा हर कोने-कोने में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश है।इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में आलोक तिवारी ने अपने संबोधन में कहा की स्वास्थ्य विभाग लगातार जनता की सेवा में कार्यरत है चाहे वह कोरोना जैसे बीमारी से देश को बचाने में अहम भूमिका निभाई है चाहे वह डेंगू मलेरिया या टाइफाइड जैसे बीमारी हो स्वास्थ्य विभाग निरंतर जनता की सेवा में तत पर रहता है। गोष्ठी का अंतिम सम्बोधन में अधीक्षक ओमप्रकाश कुरील ने कम शब्दों में अपनी बात रखते हुए नए कर्मचारियों को अपने सीनियर फार्मासिस्ट से बहुत कुछ सीखने कहा, जो सिख लोगे वही काम आएगा। विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में हुई थी। इस्तांबुल, तुर्की में फार्मेसी और फार्मास्युटिकल साइंस की विश्व कांग्रेस में एफआईपी के द्वारा बनाया गया था। 25 सितंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1912 में FIP की स्थापना हुई थी। इस दिन को मनाने का मकसद है स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में फार्मासिस्टों की भूमिका को प्रोत्साहित करना है।एक फार्मासिस्ट लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अपने सभी काम करता है, जिसमें दवा की पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, एक्सपायरी डेट आदि शामिल है,

ताकि किसी के भी स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर न हो। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एफआईपी ने सभी फार्मासिस्टों के सम्मान में इस दिन को मनाने का समर्थन किया। इस गोष्ठी में चेयरमैन आलोक तिवारी,मंडल महामंत्री, सभाषद शिवा वर्मा, अधीक्षक ओ पी कुरील, बीपीएम ,बीसीपम पुष्पेंद्र, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ0 जितेंद्र सोनी, अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एशोसिएशन के जिलाध्यक्ष हनुमान प्रसाद, सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाली समस्त सी एच् ओ एवं ए एन एम उपस्थि

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