फतेहपुर (प्रभारी सचिव) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर,ने बताया कि रणंजय कुमार वर्मा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर के नेतृत्व में आज दिनांक- 17.05.2023 को समस्त न्यायिक अधिकारियो के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक-21.05.2023 के सफल आयोजन, पिटी अफेन्स की विशेष लोक अदालत एवं आर्बीटेªशन की विशेष लोक अदालत में अधिकाधिक वादो के निस्तारण के लिए जनपद न्यायाधीश के विश्राम कक्ष में बैठक आहूत की गयी।
उक्त बैठक में मो0 अहमद खाॅन, नोडल अधिकारी/राष्ट्रीय लोक अदालत/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजबाबू, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फतेहपुर, श्रीमती अनुराधा शुक्ला, प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/सिविल जज (सी0डि0), श्रीमती रोमा गुप्ता, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम, श्री महेन्द्र सिंह पासवान, सिविल जज (सी0डि0)/एफ0टी0सी0, श्रीमती नन्दनी उपाध्याय अपर सिविल जज जू0डि0 कोर्ट न0 07,श्री अनुपम कुशवाहा अपर सिविल जज जू0डि0 कोर्ट न0 01, श्रीमती अंकिता सिंह सिविल जज/जू0डि0, श्रीमती भावना साहू सिविल जज जू0डि0/एफ0टी0सी0/सी0ए0डब्लू0, कु0 श्वेता सिविल जज/जू0डि0/एफ0टी0सी0, श्री अरुण कुमार, सिविल जज जू0डि0 खागा उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री रणंजय कुमार वर्मा माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर द्वारा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक-21.05.2023 के सफल आयोजन के लिए सभी न्यायिक अधिकारियों को अधिकाधिक वादो कोे चिन्हित कर पक्षकारो को ससमय सम्मन/नोटिसे प्रेषित किये जाने निर्देश दिया गया। एम0वी0एक्ट के ई-चालान, धारा एन0आई0एक्ट, आपराधिक शमनीय वादो को चिन्हित कर प्री-ट्रायल बैठक के द्वारा सुलह-समझौता के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा वादो को निस्तारण किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया है।
इसके अतिरिक्त बैठक में उपस्थित न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि आप अपने स्तर से कार्यरत कर्मचारियो को निर्देशित करे कि राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक-21.05.2023 हेतु चिन्हित वादो को शत-प्रतिशत सी.आई.एस. पोर्टल में ससमय दर्ज करेे एवं इसके साथ यह निर्देश भी दिया गया कि दिनांक-18, 19 एवं 20.05.2023 को आयोजित पिटी अफेन्स की विशेष लोक अदालत हेतु वादो के विवरण की सूची बनवाकर पक्षकारो को सम्मन/नोटिस प्रेषित करे। इसके साथ ही दिनांक-21.05.2023 को आयोजित होने वाली आर्बीटेशन की विशेष लोक अदालत के लिये वादो को चिन्हित कर पक्षकारो को सम्मन/नोटिस प्रेषित किये जाने एवं सुलह समझौता के माध्यम से आर्बीटेशन के निष्पादन वादो का अधिकाधिक संख्या में निस्तारण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।