खागा कस्बे से मिली जुली ग्राम पंचायत सजरही है जहां पर विकास के दावे तो किए जाते हैं लेकिन क्षेत्रीय सत्ता धारियों की करनी और कथनी का नजरिया ही अलग दिखता है जो कि ग्राम पंचायत को जाने वाली मुख्य सड़कें दलदल भरी कीचड़ गंदा पानी से अपना तरुण उद्धार कर रही हैं जहां से निकलने वाले ग्रामवासी व राहगीर अपने आप को विकास की गंगा बहाने वाली सरकार पर कोसती रहती है आप को बता दे पर लगातार कई वर्षों से शिकायत के बाद भी मांगों प्राणीमात्र ग्राम वासियों को लालच ही दिया जाता रहा मगर अब तक इस ग्राम पंचायत की जूझ रही समस्या से उद्धार नहीं हो सका बात करे तो वही ग्राम पंचायत के ग्राम वासियों ने बताया कि बीते कई वर्षों पूर्व केंद्र में बैठी सपा सरकार में इस गांव की सड़को पर विकास हुआ था उसके बाद से अब तक लगातार वर्तमान सरकार से तो सिर्फ वादे ही मिले वही जब भी इसकी शिकायत लेकर गए ग्राम वासियों ने तो लोक निर्माण विभाग की तरफ रुख मोड़ दिया गया लेकिन समस्या से निजात नहीं मिल सका जिसका जीता जागता उदाहरण गांव की मुख्य सड़कें खुद को बयां कर रही हैं वैसे तो फिलहाल ही अभी नगर पंचायत में भी ग्राम पंचायत को जोड़ दिया गया है आखिरकार इन ग्राम वासियों की समस्या का निदान होगा या ना होगा यह तो बड़ा सवाल है लेकिन बड़े बड़े वादे करने वाली क्षेत्रीय विधायक व सांसद की क्या इन सड़कों पर नजर नहीं जातीं हैं आखिरकर क्षेत्र की समस्या को देख सवाल तो बनता ही है अब देखना यह है कि आखिर इन ग्राम वासियों की समस्या का निदान कब तक होता है

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