लखनऊ: 26 मार्च, 2025
अन्तर्राष्ट्रीय रामायण कॉनक्लेव की श्रृंखला में आज श्रीलंका के कोलंबो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस श्रृंखला के 11वें चरण में कोलंबो के स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र, भारतीय उच्चायोग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीलंका के सांसद एवं पूर्व मंत्री श्री मनो गनेशन एवं श्री राधाकृष्णनन, रामकृष्ण मिशन के स्वामी अक्शरात्मानंद, चिन्मय मिशन के स्वामी गुनैतियानंद, सुप्रीम ग्लोबल होल्डिंग्स के श्री आर. एम. मनीवन्नन एवं चेयरमैन श्री वी. संथकुमार और भारत के तमिलनाडु सेे स्वामी रामकृष्णानंदा एवं स्वामी शिवयोगानंद, गोवा की सुश्री रूक्मा सदेकर, गुजरात विश्वविद्यालय के प्रो0 नीरज गुप्ता, उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल श्री अशोक मेहता, आचार्य सभा के जनरल सेक्रेटरी स्वामी परमात्मानंद सरस्वती, बीकानेर विश्वविद्यालय के प्रो0 मनोज दीक्षित विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
श्रीलंका के फाइन आर्ट्स डायरेक्टर एवं कलारत्न विभूषण के फाउन्डर ‘कालेश्वरन नाट्यालय’ द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के दौरान भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों की मनमोहक झलक देखने को मिली। सांस्कृतिक नृत्य भरतनाट्यम की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।
श्रीलंका, नेपाल एवं देश के 6 राज्यों व राम वन गमन पथ समेत 10 स्थानों पर आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय रामायण कॉनक्लेव की श्रृंखला के आखिरी पड़ाव में 2 अप्रैल को जम्मू में आयोजन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीराम सिर्फ भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व के लिए सत्य, मर्यादा और धर्म का प्रतीक हैं और रामायण कॉन्क्लेव जैसे आयोजनों से सनातन परंपरा, आस्था और लोक संस्कृति को वैश्विक मंच मिल रहा है। भविष्य में भी सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के प्रयास किए जाते रहेंगे।
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