बाराबंकी

दीपक कुमार मिश्रा

उत्तर प्रदेश में आने वाला जिला बाराबंकी का पूरा मामला है। जहां पर एक किसान के साथ शोषण किया जा रहा है। वह भी किसी और के द्वारा नहीं। बल्कि क्षेत्रीय लेखपाल व कानूनगो के द्वारा। वहीं राजस्व विभाग द्वारा पीड़ित किसान को ही उल्टा धमकाया जा रहा है। आपको बता दे ।कि बाराबंकी जिले के अंतर्गत तहसील रामनगर के तेलवारी गांव में किसान सुरेंद्र कुमार सिंह का 5 बीघा गेहूं खेत में रास्ता न होने के कारण आज भी लगा है।किसान अपनी फसल काटने के लिए सक्षम अधिकारियों से बराबर न्याय की गुहार लगा रहा है।किसान 4 अप्रैल2024 से बराबर लेखपाल,बीर सिंह,एस डी एम रामनगर,डी एम बाराबंकी व मुख्यमंत्री कार्यालय प्रतिदिन पहुंचकर शिकायती पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगा रहा है ।एसडीएम के आदेश को लेखपाल वीर सिंह व कानून को ओमप्रकाश उठाकर ताक पर रख दिया है लेखपाल का कहना है। रिपोर्ट मुझे लगाना है। मेरे रिपोर्ट को राष्ट्रपति भी नहीं कट पाएंगे। जहां जाना है
। वहां जाओ ।मेरा कुछ बिगाड़ नहीं पाओगे। और तो और वर्तमान मुख्यमंत्री डीएम के आदेश को नकारते हुए खंडन कर दिया। 4 अप्रैल से आज तक किसी भी सक्षम अधिकारी के द्वारा न्याय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सक्षम अधिकारियों की मिली भगत न मानी जाए ।तो क्या समझा जाए ।लगभग 72 दिन बीत जाने के बाद सक्षम अधिकारी एक क्षेत्रीय लेखपाल से कोई सवाल नहीं पूछ पा रहे हैं ।कि किसान का गेहूं पांच बीघा क्यों लगा है ।और निचले स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक समस्त अधिकारियों के आदेश को एक क्षेत्रीय लेखपाल कूड़ेदान में डाल दें। किसान दौड़कर परेशान हो चुका है और अब किसान को न्याय की उम्मीद नहीं रह गई है ।जिससे किसान व उनके परिवार भुखमरी के कगार पर है

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