खखरेरू फतेहपुर जिले में सिंचाई के सरकारी संसाधनों से किसानों का भला नहीं हो पा रहा है एक ओर जहां नहर और माइनरो में धूल उड़ रही है तो वहीं नहर बिहीन क्षेत्र में स्थापित राजकीय नलकूप भी दिन बेमक्सद साबित हो रहा है इसलिए किसानों को फसल की महंगी सिंचाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जिले की नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिसकी वजह से आसपास होने वाली खेती प्रभावित हो रही है जिसकी वजह से समय रहते फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है सरकारी संसाधन फेल होने के कारण किसानो की फसले सूख रही है किसान निजी नलकूपों से महंगी सिंचाई करने को मजबूर हो रहे हैं किसानों का कहना है यदि नहर और माइननरो में पानी छोड़ा जाए तो किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है लेकिन गर्मी के समय नहर और माइनर सूखे पड़े हुए हैं जिसके कारण किसानों की फसल की सिंचाई नहीं हो रही है जिसकी वजह से किसान परेशान है किसानों का कहना है की जरूरत होने पर कभी भी नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता नहरो में मई जून में अगर पानी छोड़ा जाए तो किसानों के लिए बड़ी राहत है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं किसान गौकरण सिंह, महेंद्र सिंह, उमाकांत, अशोक कुमार त्रिपाठी, हरिश्चंद्र, बाबूलाल सिंह, मुस्ताक अहमद, रशीद अहमद, अबरार अहमद, इस्तखारुल आदि ने बताया कि जरूरत पर नहरो में पानी कभी नहीं आता है इसलिए फसल को समय से पानी नहीं मिल पा रहा मजबूरन महंगी सिंचाई देने को मजबूर हैं एक ओर सरकार किसान की दुगनी आय का ढिंढोरा पीट रही है वही किसानों को पानी मुहैया कराने में असमर्थ दिखाई दे रही है क्योंकि अधिकारी कागजों में पानी चला रहे हैं परंतु मौके में देखा जाए तो वर्षों से बैरी तारापर माइनर, खखरेरू चचीडा माइनर, कबरें इनायतपुर माइनर,खखरेरु सोथरापुर नहरो में पानी नहीं छोड़ा गया जिससे नहरो में धूल उड़ रही है

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