लाभार्थियों ने जिलाधिकारी से मिलकर किया शिकायत, जांच के आदेश

संवाददाता महेश प्रजापति असोथर फतेहपुर

असोथर फतेहपुर/प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बिना पैसा लिए मकान न पास किए जाने के एक मामले को लेकर नगर पंचायत के सुजानपुर निवासी चंदन सिंह पुत्र शिव नारायन जिलाधिकारी से मिले। उन्होंने अन्य पीड़ित महिला समेत कई लोगों को भी जिलाधिकारी से मिलवाया, जिससे डूडा के सर्वेयर द्वारा मकान की जियो टैग करने के नाम पर 10000 हजार रुपये की मांग की गई। डीएम ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने पेशकार को महिला समेत अन्य सभी का बयान दर्ज कराते हुए जांच कराने के निर्देश दिये।
सुजानपुर के रहने वाली गरीब महिला रामरती पत्नी चंद्रभान, आरती देवी पत्नी सूर्यभान सिंह व चंदन सिंह पुत्र शिव नारायन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए आवेदन किया था, जिसमें उसके द्वारा लगातार एक माह से नगर पंचायत कार्यालय के चक्कर लगाए जा रहे थे।
पीड़ित लाभार्थियों ने बताया कि पहले जिस जमीन पर जियो टैग हुआ था वह जमीन पीडब्ल्यूडी व सड़क से संलग्न संबंधित पड़ती है। जिससे उक्त जमीन में मकान न बनाकर दूसरी अपनी सुरक्षित जमीन पर मकान बनवा लिया। जिससे शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा व्यर्थ न खर्च हो और न ही घर बनाने में कोई दिक्कतें हो। जिसपर लाभार्थियों ने कई बार डूडा के सर्वेयर से जियो टैग करने को कहा, लेकिन बार – बार डूडा के सर्वेयर ने लाभार्थियों से कहा कि उसके द्वारा उनके मकान की जियो टैग की जानी है, जिसके लिए वो उनके आवास पर आएंगे और वह 10000 हजार रुपये का इंतजाम करके रखें। महिला व अन्य लोगों ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो सर्वेयर ने कहा कि पैसे नहीं दोगे तो तुम्हारा मकान पास नहीं होगा। मुझे किसी का डर नहीं है चाहे पीएम, सीएम, डीएम से शिकायत करते रहो फर्क नहीं पड़ता।
सोमवार को सभी ने अपनी शिकायत लेकर जिला अधिकारी से मिले और लिखित में शिकायत देते हुए डूडा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जानकारी दी। रामरती और आरती ने जिलाधिकारी को पूरी बात बताते हुए भ्रष्टाचारी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर कराने की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी सी इंदुमती ने अपने पेशकार को महिला लाभार्थियों समेत अन्य का बयान दर्ज कराने के निर्देश देते हुए जांच कराने के निर्देश दिये।
वहीं इस संबंध में जब नगर पंचायत अध्यक्ष नीरज सिंह सेंगर से बात की गई तो कहा कि जानकारी नहीं है। लाभार्थियों द्वारा नामजद और लिखित तहरीर मिलती है तो रूपये मांगने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई कर्मचारी या सभासद पैसा मांगता हैं तो उसे पैसे नहीं देना है। नगर पंचायत द्वारा कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है।
किस्त पर सभासद और उनके करीबी द्वारा मांगी जा रही रकम
आवास योजना के नाम पर कई सभासद व उनके करीबी लाभार्थियों से योजना का लाभ दिलाने के नाम पर उगाही की जा रही है। सूत्रों की माने तो वह पहली किस्त में पांच हजार और अन्य दो किश्त आने पर पांच -पांच हजार रूपये के लिए लाभार्थियों पर दबाव बना रहे हैं। रकम नहीं मिलने पर अगली किस्त पर रोक लगवाने की धमकी देते हैं। दबाव और खाते में किश्त आने में लेटलतीफी में दहशत में आकर लाभार्थी शिकार हो रहे हैं। कई मामले की शिकायत प्रभारी पीडी डूडा और ईओ से की गई। लेकिन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं होने से बिचौलिए बेखौफ होकर अपने खेल में मस्त हैं।

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