इटावा(जसवंतनगर)-विजयदशमी के पर्व के दिन जसवंतनगर मे 164 सालों से चली आ रही एक अनोखी प्रथा जहां रावण को जलाने के बजाये पत्थरों से मार कर गिराया जाता है व लोग पुतले के अवशेष को अपने घरों में लिए जाते है रामलीला मैदान 164 साल से ऐसे ही परंपरा चलती आ रही है विजयदशमी रावण वध होने के बाद लोग अपने घरों में रावण तेरवहीँ मनाए जाती है,तेहरवीं पर लोगों अपने घरों में मखाने की खीर बनाते है,माना जाता है कि रावण वध के बाद शरद पूर्णिमा के दिन रावण की नाभि से अमृत निकला था,